Thursday, February 9, 2012

राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन 2012

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी परिपत्र-03-01/सम्मान-11/दिनांक-24 दिसम्बर 2011


राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन

अखिल भारतीय लेखक मिलन एवं पर्यटन शिविर

डॉ. महाराज कृष्ण जैन सम्मान समारोह

कवि सम्मेलन, विचार संगोष्ठी एवं अखिल भारतीय सांस्कृतिक समागम

शुक्रवार, दिनांक 25 मई से रविवार, दिनांक 27 मई 2012 तक

सम्मान- पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी सम्मान 2010 (एक), डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2010 (पचास),

श्री जीवनराम मुंगी देवी गोयनका स्मृति सम्मान 2010, श्री केशरदेव बजाज स्मृति सम्मान 2010


1. परिचय

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग द्वारा विगत 10 वर्षों में 100 से अधिक क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों का आयोजन सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं के सहयोग से किया जा चुका है। चौथी बार शिलांग में अखिल भारतीय हिंदी लेखक सम्मान समारोह, पर्यटन शिविर एवं राष्ट्रीय लेखक मिलन शिविर का आयोजन दिनांक 25 से 27 मई 2012 तक किया जा रहा है।

2. उद्देश्य

a) पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार की गति को तीव्र करना।

b) इस क्षेत्र की विभिन्न भाषाओं के साहित्य को राष्ट्रभाषा हिंदी में अनुवाद कर उसका समुचित प्रसार करना।

c) पूर्वोत्तर की संस्कृति और साहित्य का विकास करना।

d) हिंदी लेखकों को उनके साहित्यिक योगदान के आधार पर पुरस्कृत एवं सम्मानित करना।

e) पर्यटन के माध्यम से लेखकों को प्रोत्साहित करना।

3. सम्मान

लेखक मिलन शिबिर में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र तथा सम्मान के लिए आमंत्रित लेखकों को डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान पत्र, स्मृति चिह्न, अंग वस्त्र आदि प्रदान किये जाएंगे। अकादमी के किसी एक संरक्षक सदस्य को पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी सम्मान 2011 तथा जिन्हें डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान पूर्व में दिया जा चुका है, यदि वे दुबारा इस समारोह में शामिल होते हैं तो उन्हें श्री जीवनराम मुंगी देवी गोयनका स्मृति सम्मान 2011 या श्रीमती गिनिया देवी केशरदेव बजाज स्मृति सम्मान 2011 प्रदान किया जाएगा। किसी भी लेखक या कवि को सम्मान के रूप में किसी तरह की नकद राशि नहीं दी जा सकेगी। पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी नकद राशि प्रदान करने की स्थिति में नहीं है।

  1. बहुभाषी काव्य गोष्ठी

लेखक मिलन शिविर के दौरान बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस गोष्ठी में भारतीय भाषाओं के कवि आपनी स्वरचित कविताओं का पाठ करेंगे। कविता पाठ के इच्छुक कवि अपना नाम पहले से ही कवियों की सूची में दर्ज कराएँ। इस सत्र के लिए अपनी 3-4 कविताओं की एक-एक प्रति अग्रिम प्रेषित करें। इनमें से किसी एक कविता के पाठ के लिए अनुमति दी जा सकती है। देवनागरी लिपि में लिखित कविताओं को ही स्वीकृति प्रदान की जाएगी। पाठ के लिए अपनी प्रति साथ लाएं।

5. विचार संगोष्ठी (ये आलेख पूर्वोत्तर वार्ता में प्रकाशित किए जाएगे)

लेखक मिलन शिविर के दौरान जो लेखक या प्रतिनिधि यदि अपना शोध पत्र पढ़ना चाहते हैं तो निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर अपना आलेख तैयार कर अग्रिम भेज सकते हैं। यदि समारोह में आप नहीं शामिल होते हैं तो भी आप प्रकाशनार्थ आलेख भेज सकते हैं। चयनित अग्रिम प्राप्य आलेखों को ही प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी

a) पूर्वोत्तर भारत में हिंदी का विकास- समस्या और समाधान।

b) पूर्वोत्तर भारत का हिंदी साहित्य।

c) राष्ट्रीय एकता में हिंदी भाषा और नागरी लिपि की भूमिका

d) राष्ट्रभाषा हिंदी के विकास में पर्यटन का योगदान।

e) पूर्वोत्तर भारत के किसी एक राज्य की हिंदी की दशा और दिशा ।

f) राजभाषा नीति और कार्यान्वयन ।

g) हिंदी दिवस अथवा पखवाड़ा के आयोजन का औचित्य।

6. लोकार्पण

लेखक मिलन शिविर के दौरान पूर्वोत्तर वार्ता नामक पत्रिका का लोकार्पण किया जाएगा। इस पत्रिका में पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की रिपोर्ट सहित कुछ रचनाकारों की रचनाएँ तथा प्रतिभागियों द्वारा भेजे गए आलेख, सुझाव एवं प्रतिक्रिया भी प्रकाशित की जाएगी।

7. प्रतिभागी

इस समारोह में देश के विभिन्न राज्यों के मात्र 60 लेखकों सहित पूर्वोत्तर के साहित्यकार, हिंदी-प्रेमी, हिंदी-सेवी, पत्रकार, शिक्षक, शोध-छात्र, विद्यार्थी, विभिन्न कलाकार, हिंदी के क्षेत्र में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों को भाग लेने के लिए (मात्र 25 प्रतिनिधियों को) आमंत्रित किया जाएगा। निर्धारित तिथि के बाद भेजे गए शुल्क को स्वीकार करने का उत्तरदायित्व अकादमी का नहीं होगा। अतः आपसे निवेदन है कि आप अंतिम तिथि से पूर्व अपना पंजीयन पत्र, शिविर शुल्क, प्रतिभागी-विवरण आदि प्रेषित कर दॆ।

8. पर्यटन

लेखक मिलन शिबिर में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को बस द्वारा शिलांग से 56 कि.मी. दूर वर्षा के लिए प्रसिद्ध चेरापूँजी, मौसमाई का गुफा, ( सेवेन सिस्टर्स जल प्रपात), थांगख्ररांक पार्क, इको पार्क आदि दर्शनीय स्थानों का भ्रमण संयोजक की सुविधा के अनुसार कराया जाएगा।

10. पंजीकरण शुल्क

लेखक मिलन शिविर में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को पंजीकरण शुल्क के रूप में 100-00 रुपये जमा करना होगा। यदि आप पंजीकरण शुल्क जमा कर चुके हैं तो सिर्फ आप को शिविर सहयोग शुल्क जमा करना होगा। पंजीकरण शुल्क जमा होने की स्थिति में शिविर सहयोग शुल्क भेजते समय अपना पंजीयन संख्या अवश्य लिखें। साथ आने वाले बालक, मित्र या संबंधी को पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा। उनकी भागीदारी के लिए उनका शिविर सहयोग शुल्क एक साथ संलग्न करें, बाद में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

11. शिविर सहयोग शुल्क

शिविर सहयोग शुल्क (जिसमें चार दिनों के लिए भोजन, सामूहिक आवास, पर्यटन आदि का व्यय शामिल है) प्रत्येक लेखक प्रतिभागी को 2,100/- (इक्कीस सौ रुपए) अग्रिम भेजना होगा। स्थानीय अथवा शिलांग से बाहर के प्रतिभागी यह राशि पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी (PURVOTTAR HINDI ACADEMY) के नाम से शिलांग (Payable at SHILLONG) स्थित किसी बैंक-शाखा में देय क्रॉस्ड डिमान्ड ड्राफ्ट द्वारा दिनांक 29 फरवरी 2012 से पूर्व भेज दें। यदि आपके साथ आपके परिवार का कोई सदस्य, मित्र अथवा संबंधी इस समारोह में शामिल होना चाहते हैं तो उनके लिए समारोह शुल्क 2,000/- (दो हजार रुपये) प्रति व्यक्ति ड्राफ्ट द्वारा एक साथ ही आपको भेजना होगा। आप के साथ आये प्रतिभागियों को प्रतिभागी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। 12 वर्ष तक के आयु के प्रतिभागियों के लिए समारोह शुल्क 1,500-00 (एक हजार पाँच सौ) रुपये निर्धारित है। यदि आपका कोई मित्र या संबंधी सम्मान के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो 15 फरवरी 2012 तक सशुल्क अपनी प्रविष्टि भेज सकते हैं। कोई भी शुल्क यदि आप मनीऑर्डर से भेजते हैं तो कूपन पर अपना पंजीयन संख्या, नाम और पूरा पता अवश्य लिखें। फोन द्वारा जानकारी प्राप्त कर लें कि आपका मनीऑर्डर मिला या नहीं। ड्राफ़्ट / चेक स्पीड या रजिस्ट्री पोस्ट से ही भेंजे। किसी भी कूरियर से नहीं।

एक परिवार के लिए एक कमरा देना संभव नहीं होगा। एक बड़े कमरे में 4 से 6 लोगों के रहने की व्यवस्था की जाएगी। यदि आप अकेले रहना चाहते हैं तो अपनी व्यवस्था स्वयं कर सकते हैं, परंतु शुल्क में किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी और न आपके आने जाने का उत्तरदायित्व ही लिया जाएगा। यदि आपके लिए बाथरुम के साथ वाले कमरे दिये जाते हैं तो उसका प्रयोग आसपास के बिना बाथरूम वाले कमरों में रहने वाली महिलाएँ भी करेंगी। आपको किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होनी चाहिए। आवास सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय आयोजन समिति का होगा। आपके किसी निर्णय या सुझाव को हम मानने के लिए बाध्य नहीं होंगे।

पंजीकरण अथवा शिबिर सहयोग शुल्क, सम्मान के लिए प्राप्त पुस्तकें अथवा प्रकाशित रचनाओं की फोटो कॉपी किसी भी दशा में लौटाई नहीं जाएगी और न इस संदर्भ में किसी तरह का पत्राचार किया जाएगा। इस समारोह में शामिल होने पर ही आपको सम्मानित किया जा सकेगा। आपका सहयोग शुल्क प्राप्त होने के पश्चात कार्यक्रम का पूरा विवरण, स्थान, शिलांग पहुँचने के लिए मार्ग आदि की पूरी जानकारी स्पीड पोस्ट से प्रेषित की जाएगी। यदि आप इस राष्ट्रीय महत्व के शिविर में शामिल होने का मन बना चुके हैं तो 29 फर. से पूर्व अपना शिविर सहयोग शुल्क अवश्य भेजवा दीजिए ताकि समय पर आपको आमंत्रण पत्र मिले और आप अग्रिम आरक्षण करा सके।

अग्रिम शिविर सहयोग शुल्क भेजने वाले प्रतिभागियों को ही आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा। शिविर शुल्क के अभाव में आपका स्थान सुरक्षित नहीं करा पाएंगे। शिविर के दौरान किसी प्रकार के शुल्क की प्राप्ति अथवा वापसी नहीं की जाएगी।

  1. समारोह में शामिल न होने पर

चूँकि सम्मेलन की सूचना काफी पहले दी जाती है और आपको सलाह दी जाती है कि परेशानी से बचने के लिए अग्रिम रेलवे आरक्षण करा लें। पूर्वोत्तर भारत में आने के लिए गाड़ियों की संख्या कम है तथा मई-जून का महीना अवकाश का होता है इसलिए पर्यटकों की भीड़ रहती है। यदि आप किन्ही अपरिहार्य कारणों से इस समारोह में शामिल नहीं हो पाते हैं तो इस स्थिति में हम आपका सम्मान पत्र और स्मारिका एक महीने के भीतर स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा जाएगा।

13. मानदेय

लेखक मिलन शिविर में भाग लेने वाले किसी भी स्थानीय अथवा शिलांग से बाहर के प्रतिनिधि को किसी प्रकार का मार्ग व्यय अथवा मानदेय देना संभव नहीं होगा। अतः सभी प्रतिभागियों को शिविर में स्वयं के खर्च से उपस्थित रहना होगा।

  1. एकाकी आवासीय व्यवस्था

किसी भी प्रतिभागी के लिए आवास की व्यक्तिगत व्यवस्था नहीं की जा सकेगी। एकाकी आवासीय सुविधा के इच्छुक प्रतिभागी अपनी अग्रिम व्यवस्था के लिए संयोजक से बार्तालाप कर सकते हैं। यदि आप एक साथ चार-छः व्यक्ति आते हैं तो एक कमरे की व्यवस्था की जा सकती है। वैसे कमरे काफी बड़-बड़े रहते जिसमें आप आराम से रह सकते हैं और हम आपकी हर सुविधा का ख़याल रखते हैं।

15. सहयोग एवं समर्थन

यह शिविर प्रतिभागियों और स्वैच्छिक संस्थाओं के आर्थिक सहयोग से आयोजित किया जाता है। इस शिविर को सफल बनाने के लिए आप के पूर्ण सहयोग एवं समर्थन की हम आशा रखते हैं। यदि आप अकादमी को स्वेच्छा से आर्थिक सहयोग देना चाहते हैं तो सहयोग राशि ड्राफ्ट या मल्टी सीटी चेक द्वारा भेज सकते हैं अथवा बैंक में जमा कर सकते हैं। खाता संख्या संयोजक को फोन करके प्राप्त कर सकते हैं। आर्थिक सहयोगियों को अकादमी का संरक्षक सदस्य बनाने और उन्हें पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी सम्मान से सम्मानित करने के लिए विचार किया जा सकता है।

16. अंतिम निर्णय

संयोजक की सुविधा के लिए कार्यक्रम में परिवर्तन किया जा सकता है, जिसकी सूचना प्रतिभागियों को समयानुसार दी जाएगी। कार्यक्रम अथवा सम्मान संबंधी निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा। इस संबंध में यह अकादमी किसी तरह का विवाद बिल्कुल नहीं चाहती है। यदि कोई शिकायत अथवा सुझाव होने पर आप लिखित रूप में दे सकते हैं। तथापि किसी भी तरह का वाद-विवाद ईस्ट खासी हिल्स जिला न्यायालय में ही मान्य होगा।

  1. सहयात्री

आप ऐसे सहयात्री या सहभागी को साथ न लाएँ या पंजीकरण कराएं, जिनकी रुचि साहित्य, पर्यटन आदि में नहीं है। समारोह के दौरान मद्यपान, धूम्रपान एवं मांसाहार निषेध है। जिनका पंजीकरण आपके साथ नहीं है, उन्हें कदापि साथ न लाएं और न पंजीकरण के लिए आग्रह करें।

पत्र-व्यवहार के लिए पता-

सचिव, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी,

पो. रिन्जा, शिलांग 793006 (मेघालय),

Purvottar Hindi Academy,

Po. Rynjah, Shillong-793006 (Meghalaya)

मोबाइल- 09436117260, 09774286215, 09862201449

-मेल- hindiacademy1@gmail.com

http://purvottarhindiacademy.blogspot.com

परिपत्र-03-02/सम्मान-11/दिनांक-24 दिसम्बर 2011

Saturday, November 26, 2011

राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन 2012

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मेघालय में राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन 2012 की तैयारियाँ शुरू

"पूर्व के स्काटलैंड के रूप में प्रसिद्ध मेघालय की राजधानी शिलांग में भी हिन्दी का अच्छा खासा प्रभाव है. पहाड़ियों पर बसे इस खूबसूरत शहर में पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी,हिन्दी के विकास और विस्तार में लगी है. "

पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी की स्थापना 1990 में हुई थी. अकादमी वहाँ के अहिन्दी भाषी लोगो के मन में हिन्दी के प्रति लगाव की भावना जगा कर उन्हें हिन्दी से जोडने के लिए प्रयासरत है. ये संस्था पूर्वोत्तर की स्थानीय भाषाओं जैसे खासी,बोरो,असमी, मणिपुरी और बांग्ला के विकास और नागरी लिपि के माध्यम से समन्वय के लिए भी काफी काम कर रही है. भारतीयता के वृहद उद्देश्य से काम कर रही इस संस्था के उद्देश्यों में कला और संस्कृति का प्रचार भी शामिल है.अपने कार्यक्रमों के माध्यम से अकादमी उत्तर-पूर्व के राज्यों के साथ देश के अन्य राज्यों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के द्वारा राष्ट्रीय एकता को भी विकसित कर रही है.

"अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर मेघालय की राजधानी शिलांग में अगले साल फिर से हिन्दी का एक कुम्भ लगेगा. हिन्दी के इस कुम्भ का आयोजन पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी के लिए समर्पित संस्था पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी द्वारा किया जाएगा. इस सम्मेलन के लिए अकादमी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. इसमें हिन्दी के लेखकों और हिन्दी सेवियों का सम्मान भी किया जाएगा. "

पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी द्वारा 25 मई 2012 से 27 मई 2012 तक मेघालय की राजधानी शिलांग में राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश- विदेश के हिन्दी लेखक,साहित्यकार,रचनाकार, हिन्दी सेवी और हिन्दी प्रेमी भाग लेंगे. उल्लेखनीय है अकादमी द्वारा 2011 में आयोजित हिन्दी विकास सम्मेलन काफी सफल रहा था. इसमे केन्द्रीय राज्य मंत्री सुश्री अगाथा संगमा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.

इस बार सम्मेलन में डॉ. महाराज कृष्ण जैन की ग्यारहवीं पुण्य तिथि के अवसर पर हिंदी लेखकों और हिंदी सेवियों का सम्मान भी किया जाएगा.

सम्मेलन में भाग लेने वाले लोग पूर्वोत्तर भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक परपराओं से रूबरू हो सके इस हेतु अकादमी ने एक दिन स्थानीय पर्यटन के लिए सुरक्षित रखा है. इस तरह ये सम्मेलन हिन्दी के विकास के साथ-साथ हिन्दी भाषी समाज को पूर्वोत्तर भारत से जोडने के लिए सेतु की भूमिका भी निभाएगा. इस सम्मेलन में भाग लेने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए पूर्व पंजीयन आवश्यक है. पंजीयन के लिए अकादमी के सचिव से इस पते पर संपर्क किया जा सकता है. संपर्क - सचिव, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, पो. रिन्जा, शिलांग 793006, मेघालय, या http://purvottarhindiacademy.blogspot.com देखे। मोबाइल- 09436117260, 9774286215, 9862201449, email: hindiacademy1@gmail.com

डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2011 एवं राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन एवं पर्यटन शिविर 2012

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम-विवरण

शुक्रवार

25-05-2012

1.00 बजे से 2.00 बजे तक

1.00 बजे से

3.00 बजे तक

4.00 बजे से 5.00 बजे तक

5.00 बजे से 6.00 बजे तक

6.00 बजे से

9.00 बजे तक

9.00 बजे से 10.30 बजे तक

10.30 बजे से 11.00 बजे तक

पंजीकरण

भोजनावकाश

उदघाटन समारोह

अल्पाहार एवं चाय

काव्य संध्या

भोजनावकाश

परस्पर संवाद

शनिवार

26-05-2012

प्रातः 8.00 बजे से 10.00 बजे तक

10.00 बजे से 1.00 तक

1.00 बजे से 3.00 बजे तक

3.00 बजे से 5.00 बजे तक

5.00 बजे से 6.00 बजे तक

6.00 बजे से

9.00 बजे तक

9.00 बजे से 10.30 बजे तक

अल्पाहार एवं चाय

विचार संगोष्ठी

भोजनावकाश

सम्मान समारोह

अल्पाहार एवं चाय

सास्कृतिक संध्या

भोजनावकाश

रविवार

27-05-2012

प्रातः 6 बजे से सायं 5 बजे तक स्थानीय मित्रों के साथ चेरापूँजी का परिदर्शन

स्वेच्छानुसार भ्रमण के

5.00 बजे से 6.00 बजे तक

6.00 बजे से

9.00 बजे तक

9.00 बजे से 10.30 बजे तक

अल्पाहार एवं चाय

विश्राम

भोजनावकाश











टिप्पणी- संयोजक के सुविधानुसार कार्यक्रम में परिवर्तन किया जा सकता है। हमारी व्यवस्था 25 मई को दोपहर 1 बजे से आरंभ तथा 27 मई को प्रातः 6 बजे सम्पन्न होगी। इसके पूर्व अथवा बाद में कोई प्रतिभागी रुकना चाहते हैं तो उन्हें इसकी अग्रिम सूचना देनी होगी तथा नियमानुसार शुल्क का भुगतान करना होगा। कार्यक्रम का पूरा विवरण समारोह के एक माह पूर्व साधारण डाक से प्रेषित किया जाएगा।



परिपत्र-02/शिबिर 2012/साधारण डाक

प्रतिभागी का विवरण (कृपया इसे भरकर शुल्क के साथ भेंजे)

पंजीयन संख्या

(कार्यालय द्वारा भरा जाएगा)

अखिल भारतीय लेखक मिलन शिबिर 2012

डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2011 एवं अन्य सम्मान

दिनांक- 25 मई से 27 मई 2012 तक आयोजक- पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, पो. रिन्जा, शिलांग 793 006

पूरा नाम

आयु

पूरा पता

मोबाइल नं0

e-mail

शैक्षिक योग्यता

व्यवसाय

वार्षिक आय

रुचियाँ

मातृभाषा

लेखन की विधाएं

पहली रचना कब प्रकाशित हुई

पहली रचना किस पत्रिका में प्रकाशित हुई

प्रकाशित पुस्तकों की संख्या

पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं की संख्या

शोध पत्रों की प्रस्तुति

प्रकाशित शोध पत्रों की संख्या

साहित्यिक आयोजनों में भागीदारी

पत्रकारिता के क्षेत्र में कोई योगदान

भाषा-विकास में कोई योगदान

सामाजिक-कार्य के क्षेत्र में योगदान

पूर्वोत्तर भारत में हिंदी के विकास संबंधी आपका सुझाव

जिस कार्यक्रम में आप भाग लेना चाहते हैं, किसी एक पर निशान लगाइए।

  • कविता पाठ ( समय सीमा मात्र 5 मिनट) #
  • आलेख वाचन ( समय सीमा मात्र 8 मिनट) #

( # कविता और आलेख की प्रति अग्रिम भेजना अनिवार्य है।)

  • कविगोष्ठी सत्र का संचालन
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति
  • गीत/भजन/नृत्य/वादन








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पंजीकरण शुल्क 100/-

दिनांक---------------- पूरा हस्ताक्षरú­­­­­­­­­-----------------------