Saturday, November 26, 2011

राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन 2012

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मेघालय में राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन 2012 की तैयारियाँ शुरू

"पूर्व के स्काटलैंड के रूप में प्रसिद्ध मेघालय की राजधानी शिलांग में भी हिन्दी का अच्छा खासा प्रभाव है. पहाड़ियों पर बसे इस खूबसूरत शहर में पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी,हिन्दी के विकास और विस्तार में लगी है. "

पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी की स्थापना 1990 में हुई थी. अकादमी वहाँ के अहिन्दी भाषी लोगो के मन में हिन्दी के प्रति लगाव की भावना जगा कर उन्हें हिन्दी से जोडने के लिए प्रयासरत है. ये संस्था पूर्वोत्तर की स्थानीय भाषाओं जैसे खासी,बोरो,असमी, मणिपुरी और बांग्ला के विकास और नागरी लिपि के माध्यम से समन्वय के लिए भी काफी काम कर रही है. भारतीयता के वृहद उद्देश्य से काम कर रही इस संस्था के उद्देश्यों में कला और संस्कृति का प्रचार भी शामिल है.अपने कार्यक्रमों के माध्यम से अकादमी उत्तर-पूर्व के राज्यों के साथ देश के अन्य राज्यों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के द्वारा राष्ट्रीय एकता को भी विकसित कर रही है.

"अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर मेघालय की राजधानी शिलांग में अगले साल फिर से हिन्दी का एक कुम्भ लगेगा. हिन्दी के इस कुम्भ का आयोजन पूर्वोत्तर भारत में हिन्दी के लिए समर्पित संस्था पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी द्वारा किया जाएगा. इस सम्मेलन के लिए अकादमी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. इसमें हिन्दी के लेखकों और हिन्दी सेवियों का सम्मान भी किया जाएगा. "

पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी द्वारा 25 मई 2012 से 27 मई 2012 तक मेघालय की राजधानी शिलांग में राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश- विदेश के हिन्दी लेखक,साहित्यकार,रचनाकार, हिन्दी सेवी और हिन्दी प्रेमी भाग लेंगे. उल्लेखनीय है अकादमी द्वारा 2011 में आयोजित हिन्दी विकास सम्मेलन काफी सफल रहा था. इसमे केन्द्रीय राज्य मंत्री सुश्री अगाथा संगमा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.

इस बार सम्मेलन में डॉ. महाराज कृष्ण जैन की ग्यारहवीं पुण्य तिथि के अवसर पर हिंदी लेखकों और हिंदी सेवियों का सम्मान भी किया जाएगा.

सम्मेलन में भाग लेने वाले लोग पूर्वोत्तर भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक परपराओं से रूबरू हो सके इस हेतु अकादमी ने एक दिन स्थानीय पर्यटन के लिए सुरक्षित रखा है. इस तरह ये सम्मेलन हिन्दी के विकास के साथ-साथ हिन्दी भाषी समाज को पूर्वोत्तर भारत से जोडने के लिए सेतु की भूमिका भी निभाएगा. इस सम्मेलन में भाग लेने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए पूर्व पंजीयन आवश्यक है. पंजीयन के लिए अकादमी के सचिव से इस पते पर संपर्क किया जा सकता है. संपर्क - सचिव, पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, पो. रिन्जा, शिलांग 793006, मेघालय, या http://purvottarhindiacademy.blogspot.com देखे। मोबाइल- 09436117260, 9774286215, 9862201449, email: hindiacademy1@gmail.com

डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2011 एवं राष्ट्रीय हिंदी विकास सम्मेलन एवं पर्यटन शिविर 2012

पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम-विवरण

शुक्रवार

25-05-2012

1.00 बजे से 2.00 बजे तक

1.00 बजे से

3.00 बजे तक

4.00 बजे से 5.00 बजे तक

5.00 बजे से 6.00 बजे तक

6.00 बजे से

9.00 बजे तक

9.00 बजे से 10.30 बजे तक

10.30 बजे से 11.00 बजे तक

पंजीकरण

भोजनावकाश

उदघाटन समारोह

अल्पाहार एवं चाय

काव्य संध्या

भोजनावकाश

परस्पर संवाद

शनिवार

26-05-2012

प्रातः 8.00 बजे से 10.00 बजे तक

10.00 बजे से 1.00 तक

1.00 बजे से 3.00 बजे तक

3.00 बजे से 5.00 बजे तक

5.00 बजे से 6.00 बजे तक

6.00 बजे से

9.00 बजे तक

9.00 बजे से 10.30 बजे तक

अल्पाहार एवं चाय

विचार संगोष्ठी

भोजनावकाश

सम्मान समारोह

अल्पाहार एवं चाय

सास्कृतिक संध्या

भोजनावकाश

रविवार

27-05-2012

प्रातः 6 बजे से सायं 5 बजे तक स्थानीय मित्रों के साथ चेरापूँजी का परिदर्शन

स्वेच्छानुसार भ्रमण के

5.00 बजे से 6.00 बजे तक

6.00 बजे से

9.00 बजे तक

9.00 बजे से 10.30 बजे तक

अल्पाहार एवं चाय

विश्राम

भोजनावकाश











टिप्पणी- संयोजक के सुविधानुसार कार्यक्रम में परिवर्तन किया जा सकता है। हमारी व्यवस्था 25 मई को दोपहर 1 बजे से आरंभ तथा 27 मई को प्रातः 6 बजे सम्पन्न होगी। इसके पूर्व अथवा बाद में कोई प्रतिभागी रुकना चाहते हैं तो उन्हें इसकी अग्रिम सूचना देनी होगी तथा नियमानुसार शुल्क का भुगतान करना होगा। कार्यक्रम का पूरा विवरण समारोह के एक माह पूर्व साधारण डाक से प्रेषित किया जाएगा।



परिपत्र-02/शिबिर 2012/साधारण डाक

प्रतिभागी का विवरण (कृपया इसे भरकर शुल्क के साथ भेंजे)

पंजीयन संख्या

(कार्यालय द्वारा भरा जाएगा)

अखिल भारतीय लेखक मिलन शिबिर 2012

डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान 2011 एवं अन्य सम्मान

दिनांक- 25 मई से 27 मई 2012 तक आयोजक- पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, पो. रिन्जा, शिलांग 793 006

पूरा नाम

आयु

पूरा पता

मोबाइल नं0

e-mail

शैक्षिक योग्यता

व्यवसाय

वार्षिक आय

रुचियाँ

मातृभाषा

लेखन की विधाएं

पहली रचना कब प्रकाशित हुई

पहली रचना किस पत्रिका में प्रकाशित हुई

प्रकाशित पुस्तकों की संख्या

पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं की संख्या

शोध पत्रों की प्रस्तुति

प्रकाशित शोध पत्रों की संख्या

साहित्यिक आयोजनों में भागीदारी

पत्रकारिता के क्षेत्र में कोई योगदान

भाषा-विकास में कोई योगदान

सामाजिक-कार्य के क्षेत्र में योगदान

पूर्वोत्तर भारत में हिंदी के विकास संबंधी आपका सुझाव

जिस कार्यक्रम में आप भाग लेना चाहते हैं, किसी एक पर निशान लगाइए।

  • कविता पाठ ( समय सीमा मात्र 5 मिनट) #
  • आलेख वाचन ( समय सीमा मात्र 8 मिनट) #

( # कविता और आलेख की प्रति अग्रिम भेजना अनिवार्य है।)

  • कविगोष्ठी सत्र का संचालन
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति
  • गीत/भजन/नृत्य/वादन








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पंजीकरण शुल्क 100/-

दिनांक---------------- पूरा हस्ताक्षरú­­­­­­­­­-----------------------